tanveersingh
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1568 ई. – “चित्तौड़ के भीषण नरसंहार के बाद” महाराणा उदयसिंह राजपरिवार समेत उदयपुर पहुंचे और नौचोकिया महलों का अधूरा… View Post
“The sons of Maharana Udai Singh” In some texts, the number of sons of Maharana Udai Singh has been stated… View Post
“चित्तौड़ का तीसरा साका” अकबर चित्तौड़ जीतकर अजमेर गया। अजमेर में ही उसने 9 मार्च, 1568 ई. को चित्तौड़ विजय… View Post
28 फरवरी, 1568 ई. अकबर 3 दिन तक दुर्ग में रुका व 28 फरवरी को अजमेर के लिए निकला। अकबर… View Post
25 फरवरी, 1568 ई. – चित्तौड़ का भीषण नरसंहार रावत पत्ता चुण्डावत के बलिदान के बाद अकबर ने चित्तौड़ दुर्ग… View Post
25 फरवरी, 1568 ई. – “रावत पत्ता चुण्डावत का बलिदान” :- रावत चुंडा के पुत्र रावत कांधल के पुत्र रावत… View Post
“23 Queens of Maharana Udai Singh” 1) Maharani Jayawanta Bai :- She was the daughter of Akhairaj Songara Chauhan of… View Post
25 फरवरी, 1568 ई. – मेवाड़ी तलवारों और मुगल हाथियों की भीषण टकरार :- अकबर ने हथियारों से लैस एक… View Post
23 फरवरी, 1568 ई. – “अकबर द्वारा जयमल राठौड़ को गोली मारना” 23 फरवरी की रात्रि को जयमल राठौड़ दुर्ग… View Post
1568 ई. को हुए भीषण युद्ध के बारे में अकबरनामा में अबुल फजल लिखता है कि “ऐसी जंग आज से… View Post
नवम्बर-दिसम्बर, 1567 ई. को हुए “संधि के प्रयास” :- चित्तौड़गढ़ के इस भीषण युद्ध के बीच 3 बार संधि प्रस्ताव… View Post
1540 “Conquering Tana” Maharana Udai Singh surrounded Tana after winning the battle at Mavli. There was Malla Solanki’s accession on… View Post
1538-39 “Marriage of Maharana Udai Singh” The chiefs sent a call from Akhairaj Songara Chauhan of Jalore to Marwar. Everyone… View Post
Many historians have described Maharana Udai Singh as a visionary and worthy ruler, while Maharana Udai Singh has also been… View Post
1567 ई. को “अकबर के सिपहसालार जिन्होंने चित्तौड़ के खिलाफ इस युद्ध में भाग लिया” :- हुसैन कुली खान, वज़ीर… View Post
23 अक्टूबर, 1567 ई. “मोर्चाबन्दी” अबुल फजल लिखता है :- “शाही शिविर के साथ पैमाइश करने वाले हमेशा रहते थे।… View Post
1567 ई. “महाराणा उदयसिंह द्वारा दुर्ग छोड़ने से पहले की गई तैयारियां” महाराणा उदयसिंह ने दुर्ग छोड़ने से पहले चित्तौड़गढ़… View Post
31 अगस्त, 1567 ई. को हुई “कुँवर शक्तिसिंह व अकबर की मुलाकात” अकबर ने धौलपुर में पड़ाव डाला, जहां उसकी… View Post
1566 ई. जेम्स विन्सेट अपनी किताब ‘दी ग्रेट मुगल अकबर’ में लिखता है “अकबर ने चित्तौड़ पर अपनी थोड़ी-बहोत सेना… View Post
1561 ई. “बाज बहादुर मेवाड़ की शरण में” मालवा के अंतिम स्वतंत्र शासक बाज बहादुर को अपने अधीन करने के… View Post