वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप (भाग – 2)

आज के भाग में महाराणा प्रताप का इतिहास लिखने में जिन ग्रन्थों, ख्यातों, किताबों, फारसी तवारिखों, शिलालेखों, प्रशस्तियों व ताम्रपत्रों का उपयोग किया गया है, उनके बारे में लिखा गया है, जो कुछ इस तरह हैं :-

“ग्रन्थ”

* वीरविनोद :- मेवाड़ के प्रसिद्ध इतिहासकार कविराज श्यामलदास ने इस ग्रन्थ की रचना महाराणा सज्जनसिंह के समय की। इस ग्रंथ में मेवाड़ के प्रारंभिक इतिहास लेखन में कुछ त्रुटियां हैं, परन्तु लगभग 1700 ई. के बाद का वर्णन प्रामाणिक है। कविराजा श्यामलदास का जन्म भीलवाड़ा के ढोकलिया गांव में हुआ था। महाराणा सज्जनसिंह ने इस ग्रंथ के लेखन हेतु कविराजा को 1 लाख का धन भेंट किया था।

* सगतरासो :- सगतरासो ग्रन्थ के लेखक गिरधर आसिया हैं। सगतरासो ग्रन्थ खास तौर से महाराणा प्रताप के भाई शक्तिसिंह के जीवन पर आधारित है। यह ग्रन्थ महाराणा प्रताप के देहान्त के 66 वर्ष बाद लिखा गया। * राजरत्नाकर :- इसके लेखक सदाशिव हैं। * अमरसार :- इसके लेखक जीवधर हैं। यह ग्रंथ महाराणा अमरसिंह के जीवन पर आधारित है। इससे महाराणा प्रताप की भी कई जानकारियां प्राप्त होती हैं।

* अमरकाव्य वंशावली :- इसके लेखक रणछोड़ भट्ट हैं।* राणा रासो :- यह ग्रन्थ महाराणा प्रताप के देहान्त के 20 वर्ष बाद लिखा गया। इस ग्रन्थ में 875 छन्द हैं। 16वीं सदी के मेवाड़ के इतिहास हेतु यह ग्रंथ अत्यंत उपयोगी है।* मानप्रकाश :- ये ग्रन्थ आमेर के राजा मानसिंह के जीवन पर आधारित है। इसमें हल्दीघाटी युद्ध का वर्णन है।

“फारसी तवारिखें”

* अकबरनामा :- अकबर के दरबारी लेखक अबुल फजल ने अकबरनामा लिखा। इस तवारीख के 3 भाग हैं। तीसरा भाग “आईने अकबरी” के नाम से जाना जाता है। * मुन्तखब-उत-तवारिख :- अकबर के दरबारी लेखक अब्दुल कादिर बंदायूनी ने ये तवारिख लिखी। लेखक हल्दीघाटी युद्ध में मुगल फौज की तरफ हरावल दस्ते में मौजूद था। इसने हल्दीघाटी युद्ध का आँखों देखा वर्णन किया। ये हल्दीघाटी के बाद भी महाराणा प्रताप के विरुद्ध अकबर द्वारा भेजे गए कुछ सैन्य दस्तों में मौजूद था।

* तबकात-ए-अकबरी :- अकबर के दरबारी लेखक निज़ामुद्दीन अहमद बख्शी ने ये तवारिख लिखी। लेखक हल्दीघाटी युद्ध के बाद गोगुन्दा के युद्ध में मुगल फौजी दस्ते में मौजूद था। * तारीख-ए-अकबरी :- इसका लेखक हाजी मोहम्मद आरिफ कन्धारी था। यह अकबर का दरबारी लेखक था। इसने कुम्भलगढ़ युद्ध (1578) का विस्तृत वर्णन किया हैै। * इकबालनामा-ए-जहांगिरी :- लेखक मौतमिद खां था। * सवानीह-ए-अकबरी

“दोहे, वात व ख्यातें”

* चारण रामा सांदू के दोहे :- चारण कवि रामा सांदू हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की फौज में शामिल थे। इन्होंने दोहों के माध्यम से हल्दीघाटी युद्ध का वर्णन किया।* गोरधन बोगस के दोहे :- गोरधन बोगस हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की फौज में शामिल थे। इन्होंने हल्दीघाटी युद्ध के बाद कुम्भलगढ़ के युद्ध में भी महाराणा प्रताप का साथ दिया।

* माला सांदू के दोहे :- ये महाराणा प्रताप के समकालीन चारण थे। * रावल राणा री वात, राणा प्रताप री वात, वंशावलियाँ, बांकीदास री ख्यात, मुंहणौत नैणसी री ख्यात

“अंग्रेज इतिहासकारों की किताबें”

* अकबर दी ग्रेट मुगल :- इसके लेखक विन्सेंट स्मिथ हैं।* एनल्स एण्ड एन्टीक्वीटीज़ ऑफ राजस्थान :- इसके लेखक कर्नल जेम्स टॉड हैं। कर्नल जेम्स टॉड ने अपने लेख में इतिहास से अधिक भावनाओं को महत्व दिया। हालांकि कर्नल टॉड के लेखन में अनेक गलतियां हैं, लेकिन फिर भी इन्होंने इतिहास लेखन में बड़े महत्वपूर्ण प्रयास किए। (इनके अलावा अंग्रेज इतिहासकार फ्रेडरिक व हैरिस की किताबों में से भी कुछ अंश लिए गए हैं।)

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप

“प्रशस्तियाँ, शिलालेख व ताम्रपत्र”

* राजप्रशस्ति :- महाराणा राजसिंह जी ने राजसमन्द झील की पाल पर यह प्रशस्ति खुदवाई, जिस पर महाराणा प्रताप सिंंह केे जीवन से सम्बन्धित भी कुछ घटनायें हैं। * शिलालेख :- महाराणा प्रताप के समय के महत्वपूर्ण शिलालेखों का वर्णन भी महाराणा प्रताप के इतिहास में आगे किया जाएगा। * ताम्रपत्र :- महाराणा प्रताप द्वारा जारी किए गए ताम्रपत्रों का वर्णन भी आगे किया जाएगा। ताम्रपत्र उन्हें जारी किए जाते थे, जिनको दान या जागीरें दी जानी होती थीं। अधिकतर ताम्रपत्र भामाशाह जी द्वारा लिखे गए थे।

“अन्य महत्वपूर्ण किताबें”

* झाला राजवंश – बड़ी सादड़ी ठिकाने का इतिहास :- इसके लेखक देवीलाल पालीवाल व राजराणा हिम्मत सिंह हैं। इसमें बड़ी सादड़ी के झाला वंश का इतिहास है। * उदयपुर राज्य का इतिहास :- इसके लेखक गौरीशंकर हीराचन्द ओझा हैं। यह प्रामाणिक व महत्व की पुस्तक है।* सिरोही राज्य का इतिहास :- इसके लेखक गौरीशंकर हीराचन्द ओझा हैं। इस किताब से महाराणा प्रताप की सिरोही राज्य से सम्बन्धित जो घटनायें हैं, उनका वर्णन लिया गया है।

* मेवाड़ के महाराणा और शहंशाह अकबर :- इसके लेखक राजेन्द्र शंकर भट्ट हैं। * महाराणा प्रताप :- इस किताब के लेखक भवान सिंह राणा हैं। * राष्ट्रगौरव शूरवीर महाराणा प्रताप, हल्दीघाटी का युद्ध और महाराणा प्रताप, भारत का वीर योद्धा महाराणा प्रताप, स्वतंत्रता के पुजारी महाराणा प्रताप, हल्दीघाटी का योद्धा, युगपुरुष महाराणा प्रताप, महाराणा प्रताप के प्रमुख सहयोगी, परम्परा, मरु भारती, महाराणा प्रताप से सम्बन्धित स्रोत एवं स्थान, महाराणा प्रताप और उनका युग

पोस्ट लेखक :- तनवीर सिंह सारंगदेवोत ठि. लक्ष्मणपुरा (मेवाड़)

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