tanveersingh
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1666 ई. में शिवाजी महाराज आगरा की कैद से बच निकले और मथुरा पहुंचे। तब तक उनके पुत्र शम्भाजी थक… View Post
1666 ई. में औरंगजेब के आदेश के मुताबिक शिवाजी महाराज और उनके पुत्र शम्भाजी को रामसिंह की निगरानी में आगरा… View Post
पुरन्दर की सन्धि की एक शर्त के मुताबिक मुगल दरबार में शिवाजी महाराज की उपस्थिति अनिवार्य नहीं थी, लेकिन आमेर… View Post
11 जुलाई, 1665 ई. को आमेर के राजा जयसिंह कछवाहा व शिवाजी महाराज के बीच सन्धि हुई। 20 नवम्बर, 1665… View Post
1665 ई. में जयपुर के राजा जयसिंह कछवाहा ने पुरंदर का किला लगभग मराठों से जीत ही लिया था। इस… View Post
शिवाजी महाराज की सूरत की लूट के मात्र 13 दिन बाद 23 जनवरी 1664 ई. को घोड़े से गिरकर उनके… View Post
1663 ई. में जब शिवाजी महाराज ने शाइस्ता खां की उंगलियां काट दी थी, उस समय जोधपुर के महाराजा जसवंत… View Post
1660 ई. के मई माह में शाइस्ता खां ने मुगल फौज के साथ हमला कर शिवाजी महाराज से पूना नगर… View Post
1657 ई. के सितम्बर माह में शाहजहां की तबियत बिगड़ गई और उत्तराधिकार संघर्ष शुरु हो गया। इस वर्ष औरंगज़ेब… View Post
जावली दुर्ग पर शिवाजी महाराज का अधिकार :- जावली दुर्ग पर चन्द्रराव मोरे का अधिकार था। मूल नाम यशवंत मोरे… View Post
1636 ई. में निजामशाही सल्तनत का अन्त हुआ। इसी वर्ष जुलाई-अक्टूबर में खान-ए-जमान ने शाहजी के खिलाफ चढाई की, हालांकि… View Post
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 ई. को शिवनेरी दुर्ग में हुआ। ये दुर्ग पूना/पुणे से उत्तर की… View Post
महाराणा प्रताप द्वारा करवाए गए निर्माण कार्य :- महाराणा प्रताप का सारा जीवन ही संघर्ष में बीता, फिर भी महाराणा… View Post
महाराणा कुम्भा का शासनकाल मेवाड़ में साहित्य, कला व शिल्प का स्वर्णकाल था। महाराणा कुम्भा के शासनकाल में इस क्षेत्र… View Post
मचीन्द :- हल्दीघाटी, कुम्भलगढ़ और गोगुन्दा से लगभग 12-14 मील की समान दूरी पर मचीन्द गांव है। यहां महाराणा कुम्भा… View Post
दिसम्बर-जनवरी, 1597 ई. में महाराणा प्रताप की नसों में खिंचाव :- महाराणा प्रताप को सूचना मिली की एक शेर इन्सानों… View Post
वे घटनायें, जिनमें महाराणा प्रताप के नाम ने प्रेरणा का काम किया :- महाराजा मानसिंह द्वारा महाराणा का उदाहरण देना… View Post
महाराणा प्रताप के संघर्ष का परिणाम :- महाराणा प्रताप का राजतिलक 1572 ई. में हुआ, जिसके बाद से ही अकबर… View Post
1589 ई. में आमेर के राजा भगवानदास कछवाहा का देहांत हुआ। राजा मानसिंह आमेर की गद्दी पर बैठे। इसी वर्ष… View Post
1586 ई. – बांसवाड़ा के उत्तराधिकार संघर्ष में महाराणा प्रताप द्वारा उग्रसेन का व अकबर द्वारा मानसिंह चौहान का पक्ष… View Post