tanveersingh
Posts by this author:
रावल जैत्रसिंह के पुत्र रावल तेजसिंह 1253 ई. में मेवाड़ के शासक बने। रावल तेजसिंह द्वारा धारण की गई उपाधियां… View Post
1229 ई. – भूताला का युद्ध :- भूताला गांव मेवाड़ की राजधानी नागदा के निकट स्थित है। गोगुन्दा से नागदा… View Post
अर्थूणा पर रावल जैत्रसिंह का आक्रमण :- अर्थूणा वर्तमान बांसवाड़ा जिले के अंतर्गत आता है। अर्थूणा पर मालवा के परमार… View Post
रावल जैत्रसिंह (शासनकाल 1213 ई. से 1253 ई.) का परिचय व व्यक्तित्व :- रावल जैत्रसिंह के पिता रावल पद्मसिंह थे।… View Post
रावल मथनसिंह :- मेवाड़ के रावल कुमारसिंह के उत्तराधिकारी रावल मथनसिंह हुए। इस समय मेवाड़ का आहाड़ क्षेत्र चालुक्यों के… View Post
चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर चालुक्यों का राज :- चालुक्य नरेश कुमारपाल ने चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर मधुसूदन के पुत्र सोमेश्वर को नियुक्त… View Post
मेवाड़ की वंशावली में भूलवश परमार शासकों के नाम जोड़ना :- मेवाड़ की वंशावली में रावल अम्बाप्रसाद के बाद क्रमशः… View Post
रावल शक्तिकुमार :- रावल शालिवाहन के बाद 977 ई. में मेवाड़ की गद्दी पर रावल शक्तिकुमार बैठे। 977 ई. के… View Post
रावल नरवाहन :- रावल नरवाहन के पिता रावल अल्लट व माता हूण राजकुमारी हरियादेवी थीं। रावल नरवाहन लगभग 971 ई.… View Post
रावल भर्तृभट द्वितीय :- रावल भर्तृभट्ट द्वितीय के शासनकाल में लगभग 941 ई. में आहाड़ में आदिवराह मंदिर बना था।… View Post
रावल सिंह (शासनकाल 8वीं सदी उत्तरार्द्ध) :- मेवाड़ के रावल भर्तृभट्ट प्रथम के ज्येष्ठ पुत्र रावल सिंह मेवाड़ की गद्दी… View Post
बप्पा रावल द्वारा धारण की गई उपाधियां :- राजगुरु, हिन्दू सूर्य, चक्कवै। इतिहासकार सी.वी. वैद्य ने बप्पा रावल की तुलना… View Post
यहां वे घटनाएं लिखी जा रही हैं, जिनका कोई समकालीन प्रमाण नहीं है, परन्तु ये घटनाएं बड़ी प्रसिद्ध हैं :-… View Post
महेंद्र द्वितीय :- कविराजा श्यामलदास ने वीर विनोद में महेंद्र द्वितीय को ही बप्पा रावल माना है, जो कि सही नहीं… View Post
सामोली गाँव का शिलालेख (646 ई.) :- मेवाड़ के शासक शिलादित्य द्वितीय का ये शिलालेख मेवाड़ के गुहिलवंश का सबसे प्राचीन… View Post
मेवाड़ राजवंश के मूलपुरुष गुहिल का इतिहास :- गुहिल को ग्रहादित्य, गुहदत्त, गुहादित्य आदि नामों से भी जाना जाता है।… View Post
मेवाड़ की भौगोलिक स्थिति :- मेवाड़ राजपूताने का दक्षिणी भाग है। अलग-अलग शासकों के समय मेवाड़ की सीमाएं कम-ज्यादा होती… View Post
दीपावली :- कार्तिक अमावस्या को मनाया जाने वाला यह बड़ा त्योहार मेवाड़ में पहले दीपमालिका कहलाता था। इस दिन महाराणा… View Post
आश्विन शुक्ल 1 को नवरात्रि के पहले दिन उदयपुर राजमहलों से गाजे-बाजों के साथ सवारी रवाना होती है और खड्ग… View Post
नववर्ष प्रारंभ का उत्सव :- चैत्र शुक्ल 1 को ज्योतिष लोग नए कपड़े व आभूषण आदि पहनकर महाराणा के सामने… View Post