चौहान राजपूतों की रियासतें

चौहान राजपूतों की ऐसी कई रियासतें हैं, जो सदियों से अब तक चली आ रही हैं, जो एकीकरण में शामिल होकर भारत का हिस्सा बनीं और जहां आज भी राजपरिवार व राजमहल मौजूद हैं। आइए जानते हैं ऐसी रियासतों के बारे में।

बूंदी (राजस्थान) :- चौहान सम्राट बीसलदेव के वंशज राव देवा हाड़ा ने बूंदी में हाड़ा चौहान वंश का राज स्थापित किया। वर्तमान में हाल ही में यहां वंशवर्धन सिंह जी हाड़ा का राजतिलक हुआ है।

कोटा (राजस्थान) :- अजमेर के चौहान शासक बीसलदेव जी के वंश में 14वीं सदी में राव देवा जी हुए। राव देवा जी के वंशज राव माधोसिंह हाड़ा चौहान ने कोटा राज्य की स्थापना की। वर्तमान में इस वंश में हाल ही में इज्यराज सिंह जी हाड़ा का राजतिलक हुआ है।

सिरोही (राजस्थान) :- नाडौल के चौहान वंश में 12वीं सदी में राव अल्हण हुए, जिनके पुत्र प्रसिद्ध राव कीर्तिपाल चौहान हुए। इनके वंशज राव लुम्भा ने 14वीं सदी में सिरोही के क्षेत्र में देवड़ा चौहानों का राज स्थापित किया। सिरोही के वर्तमान महाराव रघुबीर सिंह जी देवड़ा हैं।

सिरोही दुर्ग का प्रवेश द्वार

पटना (राजधानी – बोलांगीर) (वर्तमान राज्य ओडिशा) :- इस रियासत की स्थापना तराइन की लड़ाई के बाद हुई। इस रियासत के संस्थापक राव रमई देव चौहान थे। यहां के वर्तमान महाराजा कनकवर्धन सिंह देव हैं। इसी राजघराने में मेवाड़ के कुँवर लक्ष्यराज सिंह ने विवाह किया।

सोनेपुर (ओडिशा) :- इस रियासत की स्थापना 1556 ई. में राजा मदन गोपाल सिंह देव चौहान ने की। यहां के वर्तमान वंशधर महाराजा पृथ्वी बीर सिंह देव चौहान हैं।

तुलसीपुर (हिमालय क्षेत्र) :- शाकम्भरी के चौहान शासक सिंहराज के वंशधर ने 1300 ई. में तुलसीपुर रियासत की स्थापना की। उस समय तुलसीपुर के शासक राजा मेघराज चौहान थे। यहां के वर्तमान वंशधर ज्वाला प्रतापसिंह जी चौहान हैं।

धामी (हिमाचल प्रदेश) :- गौरी के आक्रमण से चौहानों में काफी बिखराव हो गया था, जिससे चौहान दूर-दूर तक फैलते गए। इसी तरह एक रियासत की स्थापना हिमाचल प्रदेश के धामी में की गई। यहां के वर्तमान वंशधर राजा प्रतापसिंह चौहान हैं।

खिलचीपुर (मध्यप्रदेश) :- गागरोन के प्रसिद्ध खींची चौहान वंश में से निकले हुए उग्रसेन जी चौहान ने 1544 ई. में मध्यप्रदेश में खिलचीपुर रियासत की स्थापना की। वर्तमान में यहां का खिलचीपुर गढ़ प्रसिद्ध है। यहां के वर्तमान वंशधर राव बहादुर प्रियव्रत सिंह जी खींची चौहान हैं।

खिलचीपुर गढ़

नीमखेड़ा (मध्यप्रदेश) :- इस रियासत पर राव शिवाजी चौहान के वंश ने राज किया। यहां के वर्तमान वंशधर ठाकुर सुरेंद्र सिंह जी चौहान हैं।

राजगढ़ (मध्यप्रदेश) :- चौहान राजपूतों की इस रियासत की स्थापना 1560 ई. में नानाजी चौहान ने की। यहां के वर्तमान वंशधर राजा शैलराज सिंह जी चौहान हैं।

कोरिया (मध्यप्रदेश) :- कोरिया के पहले राजा धारामल जी चौहान थे। यहां के वर्तमान वंशधर महाराजा राघवेंद्र सिंह जी चौहान हैं। कोरिया में रामानुज विलास महल बना हुआ है।

चंगभाकर (मध्यप्रदेश) :- 1790 ई. में इस रियासत की स्थापना हुई। राजा कृष्ण प्रताप सिंह देव चौहान ने इस रियासत की राजधानी जनकपुर को बना दी।

जामनिया (मध्यप्रदेश) :- सोनगरा चौहान राजपूतों की इस रियासत की स्थापना 16वीं सदी में हुई थी। यहां के वर्तमान वंशधर राजा शालिवाहन जी चौहान हैं।

जशपुर (छत्तीसगढ़) :- इस रियासत की स्थापना 1818 ई. में हुई। यहां के पहले राजा रणजीत सिंह थे। जशपुर के वर्तमान वंशधर राजा रणविजय प्रतापसिंह जू देव चौहान हैं।

संजेली (गुजरात) :- यह सोनगरा राजपूतों की रियासत रही है, जहां सोनगरा राजपूतों की एक शाखा ने 900 वर्षों तक राज किया। यहां पुष्प निवास नामक सुंदर राजमहल बना हुआ है। इस वंश के अंतिम वंशधर ठाकुर मानवेन्द्र सिंह जी चौहान का 2006 में देहांत हो गया।

करौड़िया (गुजरात) :- भीमावत सांचौरा चौहान राजपूतों की रियासत करौड़िया की स्थापना राजा भीमसिंह चौहान ने की। यहां के 15वें व वर्तमान वंशधर राजा विजेंद्र सिंह जी चौहान हैं।

वाव (गुजरात) :- इस रियासत पर चंदनसिंहोत नाडोला चौहान राजपूतों ने शासन किया। यहां के वर्तमान वंशधर राणा गजेंद्र सिंह जी चौहान हैं।

आंबलीयारा (गुजरात) :- सोनगरा चौहान राजपूतों की इस रियासत के संस्थापक कृष्णदास जी चौहान हैं, जिन्होंने 1619 ई. में इस रियासत की स्थापना की। वर्तमान में यहां के वंशधर कमलराज सिंह जी चौहान हैं।

मांडवा (गुजरात) :- गुजरात में स्थित मांडवा खींची चौहान राजपूतों की रियासत है। यहां के वर्तमान वंशधर राजेन्द्र सिंह जी खींची चौहान हैं।

छोटा उदयपुर (गुजरात) :- रावल पृथिराज खींची चौहान ने इस रियासत की स्थापना की। छोटा उदयपुर रियासत में कुसुम विलास, प्रेम भवन आदि महल दर्शनीय हैं। यहां के वर्तमान वंशधर महारावल जयप्रताप सिंह जी खींची हैं।

कुसुम विलास महल

बारिया (गुजरात) :- खींची चौहान राजपूतों की इस रियासत की स्थापना राजा डूंगरसिंह जी खींची ने 16वीं सदी में की। यहां के वर्तमान वंशधर तुषार सिंह जी हैं।

चौरंगला (गुजरात) :- खींची चौहान राजपूतों की इस रियासत के पहले शासक 15वीं सदी में राव पालनसिंह जी हुए। यहां के वर्तमान वंशधर महारावल हरदीप सिंह जी हैं।

इस पोस्ट में चौहान राजपूतों की जो रियासतें शेष रह गई हैं, उनका वर्णन कभी अलग पोस्ट द्वारा किया जाएगा। पोस्ट लेखक :- तनवीर सिंह सारंगदेवोत (लक्ष्मणपुरा – मेवाड़)

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