मेवाड़ के द्वितीय श्रेणी के ठिकाने

मेवाड़ के महाराणा अमरसिंह जी द्वितीय के समय मेवाड़ के ठिकानों की प्रथम व द्वितीय श्रेणियां बनाई गई थीं। 32 ठिकानों के सामंतों को द्वितीय श्रेणी में रखा गया था, बाद में यह संख्या कम ज्यादा होती रही। इन 32 सर्दारों को ‘राव’ व ‘बत्तीसी’ कहा गया।

ये ठिकाने हैं :- 1) हमीरगढ़ (राणावत) :- महाराणा उदयसिंह जी के पुत्र वीरमदेव जी के वंशजों का ठिकाना। यह ठिकाना भीलवाड़ा जिले में स्थित है। 2) चावण्ड (चुण्डावत) :- सलूम्बर के रावत कुबेरसिंह जी चुण्डावत के 5वें पुत्र अभयसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। यह ठिकाना उदयपुर जिले में स्थित है। चावंड वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की निर्वाण स्थली भी है।

3) भदेसर (चुण्डावत) :- सलूम्बर के रावत भीमसिंह जी चुण्डावत के दूसरे पुत्र भैरवसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। यह ठिकाना चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। 4) केलवा (राठौड़) :- मारवाड़ के राव सलखा जी के द्वितीय पुत्र जैतमाल जी के वंशधर बीदा जी राठौड़ के वंशजों का ठिकाना। यह ठिकाना राजसमंद जिले में स्थित है। केलवा के महल जिस पहाड़ी पर बने हैं वहां खनन कार्य जोर-शोर से चलाया गया, जिससे अब महलों की स्थिति भी संकट में है।

केलवा के महल

5) भूंणास (राणावत) :- महाराणा राजसिंह जी के 8वें पुत्र बहादुरसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। 6) पीपल्या (शक्‍तावत) :- महाराणा उदयसिंह जी के दूसरे पुत्र महाराज शक्तिसिंह जी के 13वें पुत्र राजसिंह जी शक्‍तावत के दूसरे बेटे कल्याणसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। 7) बेमाली (चुण्डावत) :- आमेट के रावत माधवसिंह जी के तीसरे पुत्र हरिसिंह जी के वंशजों का ठिकाना।

8) ताणा (झाला) :- सादड़ी के राजराणा चंद्रसेन जी के पुत्र दौलतसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। यह ठिकाना चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। 9) रामपुरा (राठौड़) :- बदनोर के स्वामी जोधसिंह जी के पुत्र गिरधारी सिंह जी के वंशजों का ठिकाना। 10) खैराबाद (राणावत) :- महाराणा उदयसिंह जी के तीसरे पुत्र वीरमदेव जी के वंशजों का ठिकाना।

11) महुवा (राणावत) :- खैराबाद के स्वामी संग्रामसिंह जी के तीसरे पुत्र पृथ्वीराज जी के वंशजों का ठिकाना 12) लूणदा (चुण्डावत) :- सलूम्बर रावत किशनदास जी चुण्डावत के 10वें पुत्र विट्ठलदास जी के वंशजों का ठिकाना। यह ठिकाना उदयपुर जिले में स्थित है। 13) थाणा (चुण्डावत) :- लूणदा के स्वामी रणछोड़दास जी के ज्येष्ठ पुत्र अजबसिंह जी के वंशजों का ठिकाना।

14) जरखाणा/धनेर्या (राणावत) :- शिवरती के महाराज अर्जुनसिंह जी के दूसरे पुत्र बहादुरसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। 15) बोहेड़ा (शक्‍तावत) :- भीण्डर के महाराज मोहकम सिंह जी द्वितीय के दूसरे पुत्र फतहसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। 16) बड़ी रूपाहेली (राठौड़) :- बदनोर के वीर योद्धा जयमल जी राठौड़ के प्रपौत्र श्यामलदास जी के तीसरे पुत्र साहबसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। यह ठिकाना भीलवाड़ा जिले में स्थित है।

17) भगवानपुरा (चुण्डावत) :- देवगढ़ के रावत जसवंतसिंह जी के तीसरे पुत्र सरूपसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। 18) नेतावल (राणावत) :- महाराणा संग्रामसिंह जी द्वितीय के दूसरे पुत्र बागोर महाराज नाथसिंह जी के दूसरे बेटे सूरतसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। 19) पीलाधर (राणावत) :- महाराणा संग्रामसिंह जी द्वितीय के पुत्र महाराज नाथसिंह जी के चौथे पुत्र भगवत सिंह जी के वंशजों का ठिकाना।

20) निम्बाहेड़ा/लीमाड़ा (राठौड़) :- बदनोर के ठाकुर सांवलदास जी राठौड़ के 5वें पुत्र अमरसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। 21) बाठरड़ा (सारंगदेवोत) :- रावत मानसिंह जी सारंगदेवोत के छठे पुत्र सूरतसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। यह ठिकाना उदयपुर जिले में स्थित है।

बाठरड़ा के महल

22) बंबोरी (पंवार) :- अजमेर जिले के श्रीनगर वाले कर्मचंद जी पंवार के वंशजों का ठिकाना। 23) सनवाड़ (राणावत) :- महाराणा उदयसिंह जी के तीसरे पुत्र वीरमदेव जी के वंशजों का ठिकाना। खैराबाद के स्वामी संग्रामसिंह जी के छोटे पुत्र शंभूसिंह जी को सनवाड़ की जागीर मिली।

24) करेड़ा (चुण्डावत) :- देवगढ़ के रावत जसवंतसिंह जी के पुत्र गोपालदास जी के वंशजों का ठिकाना। 25) अमरगढ़ (कानावत) :- महाराणा उदयसिंह जी के 5वें पुत्र कान्हसिंह जी के वंशजों का ठिकाना। यह ठिकाना भीलवाड़ा जिले में स्थित है। 26) लसाणी (चुण्डावत) :- आमेट के रावत पत्ता जी चुण्डावत के चौथे पुत्र शेखा जी के बेटे दलपत सिंह जी को महाराणा राजसिंह जी से यह जागीर मिली।

27) धरियावद (राणावत) :- वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के तीसरे पुत्र सहसमल जी के वंशजों का ठिकाना। यह ठिकाना प्रतापगढ़ जिले में स्थित है। 28) फलीचड़ा (चौहान) :- कोठारिया के रावत रुक्मांगद जी के पुत्र हरिनाथ जी के वंशजों का ठिकाना। 29) संग्रामगढ़ (चुण्डावत) :- देवगढ़ के रावत संग्रामसिंह जी के तीसरे पुत्र जयसिंह जी के वंशजों का ठिकाना।

30) विजयपुर (शक्‍तावत) :- बान्सी के रावत नरहरदास जी शक्‍तावत के चौथे पुत्र विजय सिंह जी के वंशजों का ठिकाना। (बम्बोरा समेत 2 ठिकाने बाद में तृतीय श्रेणी में सम्मिलित कर लिए गए)

पोस्ट लेखक :- तनवीर सिंह सारंगदेवोत (लक्ष्मणपुरा – मेवाड़)

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