मेवाड़ महाराणा उदयसिंह (भाग – 4)

“महाराणा उदयसिंह की 23 रानियां”

1) महारानी जयवन्ता बाई :- ये पााली के अखैराज सोनगरा चौहान की पुत्री थीं। इनके एकमात्र पुत्र वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप हुए। महाराणा उदयसिंह इन महारानी से राजनैतिक सलाह-मशवरे किया करते थे।

2) रानी सज्जाबाई सोलंकिनी :- ये महाराणा उदयसिंह की दूसरी रानी थीं। रानी सज्जाबाई टोडा के सोलंकी राव पृथ्वीराज सुरताणोत की पुत्री थीं। इन रानी के 2 पुत्र हुए :- शक्तिसिंह, वीरमदेव। इन रानी ने उदयसागर झील की पाल पर प्रहलादराय जी का मंदिर बनवाया।

3) रानी धीरबाई भटियानी :- ये जैसलमेर के महारावल लूणकरण भाटी की पुत्री थीं। रानी धीरबाई मारवाड़ की प्रसिद्ध ‘रुठी रानी’ रानी उमादे की सगी बहन थीं। रानी धीरबाई महाराणा उदयसिंह की सबसे प्रिय रानी थीं। रानी धीरबाई के 5 पुत्र हुए :- जगमाल, सागर, अगर, पच्चन, सिम्हा। इन रानी के 3 पुत्रों (जगमाल, सागर, अगर) ने मुगलों का साथ दिया। रानी धीरबाई ने उदयपुुुर में भटियाणी बाजार बनवाया।

4) रानी वीरबाई झाली :- ये जैतसिंह झाला की पुत्री थीं, जिनसे मारवाड़ के राव मालदेव विवाह करना चाहते थे, पर जैतसिंह झाला की विनती पर महाराणा उदयसिंह ने रानी वीरबाई से विवाह किया। इन रानी से विवाह के बारे में महाराणा उदयसिंह के भाग में ही आगे लिखा जाएगा। इन रानी ने चित्तौड़गढ़ दुर्ग में एक बावड़ी बनवाई, जिसे झालीबाव कहते हैं।

झालीबाव (चित्तौड़गढ़ दुर्ग)

5) रानी राजबाई सोलंकिनी

6) रानी करमेती बाई राठौड़ :- ये मारवाड़ की थीं। 1569 ई. में महाराणा उदयसिंह ने इनसे विवाह किया।

7) रानी कंवरबाई राठौड़

8) रानी लखमदे राठौड़

9) रानी कंवरा बाई राठौड़ :- जोधसिंह की पुत्री

10) रानी कनक बाई महेची

11) रानी प्यारकंवर राठौड़ :- खींवसिंह जैतारण की पुत्री

12) रानी गनसुखदे बाई चौहान :- प्यारचंद जी की पुत्री

13) रानी सुहागदे बाई चौहान

14) रानी वीरकंवर :- खेरवाड़ा के राव कनकसिंह बड़गूजर की पुत्री

15) रानी लाड़कंवर :- बनैसिंह की पुत्री

16) रानी सैवता बाई खींचण

17) रानी किशनकंवर गौड़ :- अमरसिंह की पुत्री

18) रानी गोपालदे बाई

19) रानी जीत कंवर मादड़ेची

20) रानी कंवरबाई खींचण

21) रानी लच्छाकंवर बाघेरली (चौहान) :- दुर्जनसाल की पुत्री

22) रानी लालकंवर पंवार

23) रानी लेल कँवर राठौड़ :- बीकानेर राव कल्याणमल राठौड़ की पुत्री

“महाराणा उदयसिंह की 17 पुत्रियाँ व दामाद”

17 में से कुछ के नाम इस तरह हैं –

1) लिखमीबाई

2) सूरजदे – इनका विवाह 23 अप्रैल, 1560 ई. को मारवाड़ के राव चन्द्रसेन (राव मालदेव के पुत्र) से हुआ

3) जसवन्तदे – इनका विवाह 1563 ई. में बीकानेर के राजा रायसिंह से हुआ। ये राजा रायसिंह की पहली पत्नी थीं, इसलिए बीकानेर की महारानी हुईं।

4) चैन कंवर – इनका विवाह जैसलमेर के मालदेव से हुआ। मालदेव राव लूणकरण के पुत्र थे।

5) हर कंवर – इनका विवाह सिरोही के महाराव उदयसिंह देवड़ा से हुआ

6) अमर कंवर – इनका विवाह मारवाड़ के रामसिंह (राव मालदेव के पुत्र) से हुआ। महाराणा उदयसिंह ने रामसिंह को 100 गाँवों समेत केलवा का ठिकाना जागीर में दिया।

7) बाईजीराज ? – इनका विवाह देलवाड़ा के मानसिंह झाला से हुआ। मानसिंह झाला जैतसिंह के पुत्र व रानी वीरबाई झाली के भाई थे।

8) बाईजीराज ? – इनका विवाह ग्वालियर के शालिवाहन तंवर (राजा रामशाह तंवर के पुत्र) से हुआ

9) बाईजीराज ? – इनका विवाह बीकानेर के राव कल्याणसिंह के पुत्र पृथ्वीराज राठौड़ से हुआ। पृथ्वीराज राठौड़ को अकबर ने गागरोन की जागीर दी थी। इसी दुर्ग में इन्होंने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘वेली किसन रुक्मिणी री’ की रचना की।

(कई लोग महाराज शक्तिसिंह की पुत्री किरणदेवी का विवाह पृथ्वीराज से होना बताते हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अकबर के मीना बाजार में अकबर की छाती पर पैर रखा था। ये सभी बातें काल्पनिक हैं और शोधपरक इतिहास के अंतर्गत नहीं आती। ऐसी ही एक घटना गुजरात में भी प्रचलित है, जिसकी कहानी भी ठीक यही है। मेवाड़ की क्षत्राणियां अग्नि में समा जाती थीं, ताकि मुगल उनकी मृत देह को भी न छू सके। ऐसे में महाराणा प्रताप की भतीजी द्वारा अकबर के मीना बाजार में घूमने की इच्छा से वहां जाना मात्र सगतरासो ग्रंथ की कपोल कल्पना है।)

* अगले भाग में महाराणा उदयसिंह के सभी पुत्रों का उल्लेख किया जाएगा

पोस्ट लेखक :- तनवीर सिंह सारंगदेवोत (लक्ष्मणपुरा – मेवाड़)

16 Comments

  1. कुंवर शेखर सिंह सिसोदिया
    December 7, 2020 / 2:18 pm

    हुकम महाराणा उदय सिंह जी को कुल 25 संताने थी जिसमे 8 पुत्र और 17 पुत्रियां थीं।

    • December 7, 2020 / 2:39 pm

      कुल 24 पुत्र तो ग्रंथ में दर्ज हैं लेकिन अलग अलग ग्रंथों से देखने पर हमें उनके 33 पुत्रों की जानकारी प्राप्त हुई।
      8 का आंकड़ा गलत है hkm

      • हार्दिक शर्मा
        December 7, 2020 / 4:09 pm

        बहुत जानकारी भरा इतिहास
        किरण देवी की मिथक कहानी को बहुत सही तरीके से प्रस्तुत करा

        क्या उदयपुर का भटियानी चौहटा क्षेत्र धीर बाई जी ने बनवाया था

        • December 7, 2020 / 4:15 pm

          हां
          इसका पुराना बाजार रानी धीरबाई ने ही बसाया

    • राहुल सिंह
      December 7, 2020 / 2:41 pm

      भाई जी इसका अगला भाग कहाँ है जिसमे राणा उदय सिंह जी के पुत्रों का उल्लेख है वो भी डाले जिससे जानकारी हो

      • December 7, 2020 / 3:01 pm

        अगला भाग कल शाम को पोस्ट होगा

    • Ganesh
      December 8, 2020 / 1:02 am

      Bahut shandaar jankari

  2. Jᴇᴇᴛᴜ ᴄʜᴏᴜᴅʜᴀʀʏ
    December 7, 2020 / 2:26 pm

    Bhut hi gjb

  3. Parveen
    December 7, 2020 / 3:23 pm

    Very informative

  4. Megha gupta
    December 7, 2020 / 4:45 pm

    Bahut khub♥️

  5. Shakti singh Rathore
    December 7, 2020 / 11:54 pm

    बहुत bdiya hukm…👌👌…🙏

  6. lokesh lodhi
    December 9, 2020 / 12:50 pm

    Good

  7. Mukesh
    December 12, 2020 / 1:33 am

    JAY Rajputana JAY mewad

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